
बडे नगर की सडकों पर छाता लेकर ही निकला कीजिए । इससे आप धूप से तो स्वयं को बचाएँगे ही, साथ ही चारों ओर से थूकने वालों से भी सुरक्षित रहेंगे ।
यदि आप अपने पति के साथ बस से यात्रा कर रही हैं, और रास्ते में बस खराब हो जाए, तो अन्य यात्रियों के साथ आप भी बस से नीचे उतर जाएँ, और बच्चा अपने पति की गोद में दे दें । इससे लोग आपसे तो बस को धक्का लगाने को नहीं कहेंगे, और आपके पति की गोद में तो बच्चा है, वे भला कैसे . . .
यदि आसपास के लोग आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं, या आपका वातावरण सुखद नहीं है, तो पाँच गालियाँ याद कर लीजिए और हर सुबह उठकर सबसे पहले इन शब्दों का उच्चारण कीजिए — “ %#$@&*^% चुन-चुन कर बदला लूँगा, दौडा-दौडा कर मारूँगा” । इससे आप अपने अंदर आशा, बल और प्रचण्ड आत्मविश्वास का अनुभव करेंगे ।
रेल में सफर करते समय दरवाजे पर न खडे हों, अन्यथा जब डिब्बे के अंदर खिडकी के पास बैठे हुए लोग कुल्ला करेंगे, तो पानी आप पर आएगा ।
सब्जी खरीदते समय मिर्च हमेशा घलुआ ** ही माँगे । इससे आपके 5 रुपए बच जाएँगे। आखिर बूँद-बूँद से ही सागर भरता है ।
फुटपाथ की दुकान पर चाय पीते समय गिलास-कप में न देखें, बल्कि आस-पास के वातावरण का अनुभव लें । क्योंकि कहा गया है — देखकर मक्खी नहीं निगली जाती ।
गन्ने हमेशा खरीदें और खाएँ। बच्चों को मारने के लिए छडी की जगह गन्ने का इस्तेमाल करें । गन्ने खाने के बाद आपकी बाहों में इतना बल आ जाएगा कि फिर छडी की आवश्यकता वैसे भी नहीं पडेगी । साथ ही बच्चे भी गन्ने के महत्त्व को आजीवन याद रखेंगे ।
दीवार पर कील ठोकते समय किसी मित्र अथवा पडोसी की सहायता ले लें । किन्तु सक्रिय भूमिका आप स्वयं उठाएँ — हथौडा आप ही चलाएँ, मित्र को कील पकड लेने दें ।
पंखा ठीक करते समय किसी ऊँचे कद के मित्र की सहायता ले लें । नीचे से कुर्सी या स्टूल पकड कर निश्चित स्थान तक पहुँचने में उन्हें मदद कर दें । किन्तु स्टूल ज़रा-भी डगमगाने लगे तो तुरंत वहाँ से भाग जाएँ, अन्यथा आप आहत हो सकते हैं ।
तत्काल अथवा प्रीमियम तत्काल द्वारा भी आरक्षण न मिलने की अवस्था में समय से पहले स्टेशन आकर जनरल डिब्बे के पास चले जाएँ, और खिडकी के रास्ते एक रुमाल नीचे की बर्थ पर रख दें ।
होस्टल, कम्पूटर सेण्टर आदि में प्रवेश करते समय ज़ोर-ज़ोर से हँसें और सुरक्षा-कर्मी (security guard) को कोई चुटकला या मसखरा सुनाएँ । इससे वह भी मुस्कुराने लगेगा और आपसे I-card दिखाने के लिए नहीं कहेगा ।
किराने की दुकान पर सामान खरीदने पर, न माँगने पर भी, छुट्टे के 1-2 रुपए दे दिया कीजिए । इससे दुकानदार प्रभावित होगा और अगली बार से 5-10 रुपए खुद ही कम कर दिया करेगा ।
पैरों के स्वास्थ्य के लिए और चालू फैशन के साथ सामञ्जस्य रखने के लिए हर साल एक नई जोडी चप्पल खरीदें । किन्तु पुरानी चप्पलें फेकें नहीं, उन्हें मंदिर जाते समय इस्तेमाल करें ।
तिथि-त्यौहार के दिन सामूहिक भोज के अवसर पर टिफिन साथ ले जाएँ और रात के लिए भी खाना भर कर ले आएँ ।
किसी सरकारी कर्मी को 500 रुपए देते समय उन्हें याद दिला दें कि यह उनके बच्चों के लिए मिठाई खरीदने के लिए है । इससे उनके बच्चे बचपन से ही रिश्वत लेना सीख सकेंगे ।
अपनी पूरी तनख्वाह बैंक में जमा रहने दें और मित्रों से उधार लेकर अपना खर्च चलाएँ। महीने के आखिर में उधार लौटा दें । इससे आपके पास बहुत बडी रकम जमा हो जाएगी । आखिर आपके मित्र तो आपसे ब्याज लेंगे नहीं, किन्तु बैंक तो देगा ही . . .
मित्रों के साथ चाय पीने के बाद भुगतान करने के लिए आप जोर देते रहिए, साथ ही हाथ पीछे की जेब में रखे रहिए, किन्तु बटुआ बाहर निकालिए नहीं ।
कॉलेज की पुस्तकें खरीदते समय प्रत्येक विषय के लिए सबसे मोटी पुस्तक ही खरीदेंं । इससे आपके घर आने वाले अतिथि तो प्रभावित होंगे ही, साथ ही रात को सोते समय इनका तकिए के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा ।
रेलवे आरक्षण कराने जाते समय अपनी पत्नी, बहन अथवा प्रेयसी को अवश्य ले लें । अधिक भीड होने की स्थिति में उन्हें महिलाओं के लिए कतार में लगा दीजिए ।
bahut shi amit ji ..
Some of these suggestions are already in practice 🙂