
स्रोत : http://kiranbatni.com
हिन्दी दैनिक जनसत्ता में प्रकाशित एक पत्र में अभिषेक त्रिपाठी ने कुछ विद्वानों के इस प्रस्ताव पर टिप्पणी की है कि यदि हिन्दी भाषा में अंग्रेजी आदि भाषाओं से शब्द मिला लिए जाएँ, तो इसे अधिक समृद्ध बनाया जा सकता है । Continue reading