
हमें शिक्षा दी जाती है कि चींटियों से संगठन सीखो, कुत्ते से वफादारी सीखो, बगुले से एकाग्रता सीखो । प्रकृति का प्रत्येक घटक हमें शिक्षा देता है । यही उनकी उपयोगिता है । साथ ही यह भी कहा जाता है कि पेडों को बचाओ क्योंकि उनसे हमें छाया, लकडी, फल आदि मिलते हैं, स्त्रियों का सम्मान करो क्योंकि वे घर और बाहर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, नदियों को साफ़ रखो क्योंकि भारत कृषि-प्रधान देश है । कुल मिलाकर किसी का भी सम्मान और रक्षा केवल इसलिए करो क्योंकि वह हमारे लिए उपयोगी है । मानो किसी भी निकाय का अपना स्वयं का कोई अस्तित्व है ही नहीं । संसार में उसकी उपस्थिति की सार्थकता मात्र इसी बात पर आधारित है कि वह हमारे लिए कितना उपयोगी है ।
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