
शहीद मिनार, ढाका विश्वविद्यालय, बांगलादेश ।
1952 में आज ही के दिन ढाका विश्वविद्यालय, जगन्नाथ कॉलेज, तथा ढाका मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने बंगाली को पूर्व पाकिस्तान की दो राष्ट्रीय भाषाओं में से एक बनाने की माँग करते हुए प्रदर्शन किया । ढाका उच्च न्यायालय के सामने उस प्रदर्शन पर पुलिस ने (जो उस समय पाकिस्तान के अधीन थी) गोली चलाकर कई छात्रों की निर्मम हत्या कर दी । उस घटना को स्मरण करते हुए वर्ष 2000 से यह दिन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है (स्रोत – विकिपीडिया) । Continue reading