
मैं आजकल बहुत संभल-संभल कर बोलता और लिखता हूँ, डर रहता है कि कहीं किसी को मेरी बात चुभ न जाए । वैसे भी कन्या राशि वालों की यही तो दुर्बलता है कि वे आलोचना बहुत करते हैं, वह भी चुभने वाली । लेकिन साथ ही मैं आपको आश्वासन देता हूँ कि यदि आप हम लोगों की आलोचना को व्यक्तिगत रूप से न लेकर सर्जनात्मक और रचनात्मक रूप से लें तो आप पाएँगे कि वे सभी टिप्पणियाँ वस्तुतः सत्य हैं और आपके हित ही में हैं । चापलूसी तो हम लोग करते नहीं, किंतु प्रेम और मैत्री उनके वास्तविक स्वरूप में ही करते हैं । एक रहस्य की बात कहूँ तो यदि आप कभी हमारी व्यक्तिगत डायरी पढें तो पाएँगे कि जितनी आलोचना हम दूसरों के विचारों और व्यवहार की करते हैं, उससे कई गुना अधिक अपनी स्वयं की करते हैं । यदि आप बाहर के इस आग के दायरे को पार कर सके, तो पाएँगे कि वास्तव में हम अत्यधिक नम्र और कोमल हृदय हैं ।